अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक यूनियन (ए.आई.जी.डी.एस.यू.) के बैनर तले 22 मई, 2018 से शुरू हुई अनिश्चितकालीन सर्व हिन्द हड़ताल के 15वें दिन सरकार ने 6 जून को वेतन बढ़ाने की इनकी मांग को मान लिया है।
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विदित रहे कि ग्रामीण डाक सेवक अपनी मांगों को लेकर पिछले कई वर्षाें से संघर्ष करते आ रहे हैं। सरकार लगातार इनकी मांगों को नज़रंदाज़ करती आ रही है। जबकि भारतीय डाक के लिये ये ग्रामीण डाक सेवक बहुत की महत्वपूर्ण हिस्सा हैं ये छोटे गांवों, दूर-दराज के इलाकों और दुर्गम पहाड़ी इलाकों में पैदल चलकर हमारी डाक को पहुंचाते हैं। सरकार अपनी निजीकरण के योजना के चलते इन ग्रामीण डाक सेवकों को नज़र अंदाज़ कर रही है।
ग्रामीण डाक सेवकों की मांगें हैं:
1. ग्रामीण डाक सेवकों को नियमित किया जाये।
2. जी.डी.एस. कमेटी की सभी सकारात्मक सिफारिशों को यूनियन के सुझावों के साथ जल्द से जल्द लागू किया जाये।
3. शाखा डाकघरों को 8 घंटे खोला जाये।
4. अनुकंपा नियुक्ति 100 प्रतिशत दी जाये।
5. ग्रामीण डाक सेवकों के लिये स्थानांतरण नीति लागू हो।
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