2 अगस्त को राजमिस्त्री मज़दूर समिति की भादरा इकाई ने बीते 23 जुलाई, 2019 को लोक सभा में पेश श्रम कानून संशोधन विधेयकों का विरोध करते हुये, जन प्रदर्शन और जनसभा आयोजित की। प्रदर्शनकारियों के हाथों में प्लाकार्ड थे जिनमें इन विधेयकों की निन्दा की गई।
जनसभा को मज़दूरों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। लोक राज संगठन के सर्व हिन्द उपाध्यक्ष, हनुमान प्रसाद शर्मा प्रमुख वक्ताओं में से एक थे।

वक्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि सरकार ने हाल में जो श्रम कानून संशोधन विधेयक लोक सभा में पेश किये हैं, ये पूर्णतया मज़दूर-विरोधी हैं। ये मज़दूरों के अधिकारों पर घोर हमला हैं और अब तक मज़दूरों के कठोर संघर्ष से जीते गये हकों को छीनने की पूंजीपति वर्ग की एक और चाल है। इन संशोधनों का मकसद है शासक पूंजीपति वर्ग के लिये मज़दूरों का शोषण बढ़ाना और आसान बनाना है। देशभर का मज़दूर वर्ग इन श्रम कानून संशोधन विधेयकों से बहुत आक्रोशित है और इनका डटकर विरोध कर रहा है। आज देशभर में तमाम ऐसे विरोध कार्यक्रम हो रहे हैं।
मज़दूर यूनियन भादरा के प्रतिनिधि ने यह मांग रखी कि लोक सभा में पेश विधेयक वापस लिये जायें और मज़दूरों के कल्याण की योजनायें सुनिश्चित की जायें।
राजमिस्त्री मज़दूर समिति की भादरा इकाई की ओर से उपखंड अधिकारी भादरा को एक ज्ञापन दिया गया, जिसमें श्रम कानून संशोधन विधेयकों को वापस लेने की मांग रखी गई। आंदोलन में भाग ले रहे तमाम मज़दूरों ने बड़े उत्साह के साथ ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये और फिर झंडे बुलंद करते हुये और नारे लगाते हुये, मज़दूरों के प्रदर्शन ने अधिकारी को यह ज्ञापन सौंपा।
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