“अयोध्या विवाद” पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
“पूर्ण न्याय” के नाम से घोर अन्याय
हिन्दोस्तान की कम्युनिस्ट ग़दर पार्टी की केन्द्रीय समिति का बयान, 25 नवम्बर, 2019
9 नवम्बर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों वाली पीठ ने 1992 में बाबरी मस्जिद के तोड़े जाने से पहले वह मस्जिद जिस भूमि पर खड़ी थी, उस भूमि से संबंधित एक संपत्ति विवाद पर अपना फैसला दिया। अदालत ने ऐलान किया कि वह भूमि राम लल्ला विराजमान की संपत्ति है। अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि उसी स्थान पर मंदिर बनाने के लिए एक ट्रस्ट की स्थापना की जाये।
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